रेलवे द्वारा सड़क परिवहन के लिए बनाए जा रहे रेल अंडर ब्रिज में इंजीनियरिंग की खामी है और इनके नीचे पानी भर जाता है, सतना सांसद गणेश सिंह ने उठाये सवाल, सांसद ने जबलपुर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने हेतु सुझाव भी दिया ,पढ़िए पूरी खबर

रेलवे द्वारा सड़क परिवहन के लिए बनाए जा रहे रेल अंडर ब्रिज में इंजीनियरिंग की खामी है और इनके नीचे पानी भर जाता है. सतना के सांसद गणेश सिंह ने यह मुद्दा जबलपुर रेल मंडल परिक्षेत्र के सांसदों की बैठक में उठाया. इस बैठक में अदिवासी क्षेत्र के सांसदों ने स्टेशनों के नाम स्वाधीनता संग्राम के आदिवासी योद्धाओं के नाम पर रखने की मांग भी की.
आपको बता दें कि भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर करने के बाद अब कई जगह से इस तरह की मांग होने लगी है. जबलपुर रेल मंडल परिक्षेत्र के सांसदों में आदिवासी क्षेत्रों के स्टेशनों के नाम बदलने का मुद्दा छाया रहा. बैठक में रेलवे सुविधाओं को बढ़ाने के मुद्दे पर भी अहम चर्चा की गई है. इस बैठक में पश्चिम मध्य रेलवे के 18 संसदीय क्षेत्र के 9 सांसद और 9 सांसद प्रतिनिधि शामिल हुए. पश्चिम मध्य रेलवे के तमाम आला अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे.

बैठक के बाद सतना गणेश सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि चर्चा के दौरान सभी सांसदों ने अपने अपने क्षेत्र की रेलवे से संबंधित समस्याओं और निर्माणाधीन रेल प्रोजेक्ट पर अपना पक्ष रखा.
इसके साथ ही सतना सांसद गणेश सिंह की ओर से कहा गया कि रेलवे द्वारा बनाए गए अंडर ब्रिज की इंजीनियरिंग में काफी गड़बड़ी है क्योंकि बारिश के समय में रेलवे के सभी अंडर ब्रिज में पानी भरने की समस्या सामने आ रही है जिससे स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही जमीन अधिग्रहण के बदले रेलवे में नौकरी देने की मांग पर भी चर्चा की गई.

जबलपुर सांसद ने कही ये बात

बैठक में जबलपुर के सांसद राकेश सिंह ने जबलपुर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने हेतु सुझाव दिया. उन्होंने बताया कि मदनमहल स्टेशन को टर्मिनल के रूप में विकसित किये जाने हेतु मेरी मांग पर तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल जी द्वारा 125 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गयी थी. बैठक में राकेश सिंह ने इस मौके पर महाप्रबंधक को दिए पत्र में जबलपुर स्टेशन के साथ ही भेड़ाघाट, शहपुरा, भिटौनी, अधारताल, देवरी, गोसलपुर, सीहोरा, डुंडी तथा पहरूआ (छपरा) स्टेशन के विकास तथा यात्री सुविधाओं में वृद्धि के साथ ही केंद्रीय विद्यालय की स्थापना एवं जबलपुर से पुरी तक ट्रेन गरीब रथ को प्रतिदिन चलाने, जबलपुर से नागपुर के लिए वाया गोंदिया एवं रायपुर के लिए ट्रेन प्रारंभ करने आदि का भी सुझाव दिया.

होशंगाबाद सांसद का ये है सुझाव

होशंगाबाद सांसद उदय प्रताप सिंह ने करेली में कोच डिस्ले लगाने के साथ ही रेलवे स्टॉफ को आर्मी के बाद दूसरे देश सेवक का दर्जा दिया. रीवा सांसद जर्नादन मिश्र ने रीवा में कोच मेंटेनेंस की सुविधा प्रारंभ करने तथा प्लेटफार्म क्रमांक 3, 4, 5 में सुविधाएं बढाने का सुझाव दिया.

सीधी की सांसद रीती पाठक ने सिंगरौली प्रोजेक्ट को जल्द पूर्ण करने के साथ ही सिंगरौली इंटरसिटी ट्रेन को प्रारंभ करने एवं भूमि अधिग्रहण करने के बाद किसानों को रियायत देते हुए रेलवे में जल्द नौकरी देने का सुझाव दिया.

राज्यसभा सदस्य राजमणि पटेल ने कहा कि कोरोना अवधि में रेलवे स्टॉफ में जनता का विश्वास जीता है. अब छोटे स्टेशनों पर सुविधाएं बढाने का कार्य किया जाए तथा रीवा-मिर्जापुर रेल लाइन को जल्द ही पूर्ण किया जाए.

बैठक में राज्यासभा सांसद कैलाश सोनी ने करेली स्टेेशन में ओवर नाइट गाडी के ठहराव तथा इटारसी मेमू ट्रेन को मैहर तक विस्तारित करने हेतु सुझाव दिया.

इसी तरह राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह ने रीवा-सिंगरौली रेल लाइन प्रोजेक्ट के साथ ही देश की आजादी की लडाई में योगदान देने वाले के नाम पर रेलवे स्टेशनों का नामकरण करने का सुझाव दिया. उन्होंने मैहर स्टेशन का नाम मां शारदा धाम, मदन महल स्टेशन का नाम राजा रघुनाथ शाह एवं सीधी जिले में मिले पहले सफेद शेर मोहन के नाम पर जोवा स्टेशन का नाम मोहन किए जाने का सुझाव दिया. इस अवसर पर बैठक में महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक संजय विश्वास के साथ ही वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

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