नई दिल्ली। मशहूर सितारवादक उस्ताद इमरत खान का 83 साल की उम्र में अमेरिका में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने दुनियाभर में सितार और सुरबहार को प्रसारित करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। वह उस्ताद विलायत खान के छोटे भाई थे।
उस्ताद इमरत पिछले करीब दो दशक से अमेरिकी शहर सेंट लुईस में रह रहे थे। उस्ताद इमरत के बेटे निशात खान ने अमेरिका रवाना होने से पहले यहां बताया कि उनके पिता ने गुरुवार को सेंट लुईस के अस्पताल में अंतिम सांस ली। एक दिन पहले उन्हें स्ट्रोक आया था। हाल में उन्हें निमोनिया के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था
निशात खुद भी जाने-माने सितारवादक हैं। उस्ताद इमरत का ताल्लुक इटावा घराने से था। इस घराने को भारत के सबसे पुराने घरानों में गिना जाता है। इसकी जड़ें आगरा से जुड़ी हैं और 400 साल से ज्यादा समय से यह घराना संगीत की विरासत को आगे बढ़ा रहा है। यह घराना बाद में इटावा चला गया था और फिर कोलकाता में बस गया था।
इस घराने को सुरबहार के विकास का श्रेय दिया जाता है। उस्ताद इमरत ने अपने संगीत के प्रचार-प्रसार के लिए पूरी दुनिया का भ्रमण किया। उन्होंने 1970 में कान फिल्म महोत्सव में भागीदारी की थी। वह भारत में विविध संगीत समारोहों में भी बराबर हिस्सा लेते थे।